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प्रभु वेंकटेश ने किया नौका विहार
इन्दौर. पुष्पकरणी के किनारों पर रखे सजावटी गमले की हरियाली, चारों तरफ कृष्ण की रासलीला रचाते-दर्शाते चित्र और पवित्र नादियों के जल व गोमूत्र से शुद्ध किया गया. पुष्पकरणी का नीली आभा लिये जल और भजन सम्राट हरिकिषन साबू भोपूजी के भजन छम-छम नाचे वीर हनुमाना, मुरली बजाने वाले सावरियाँ तेरी सारी सखियां नाचेगी, सन्तों की टोली, पुष्पकरणी के चारों तरफ नाचते गाते श्रृद्धालुओं का समूह.
एक अद्भुत दृश्य श्री पद्मावती वेंकटेश देवस्थान पर चल रहे ब्रह्मोत्सव के द्वितीय दिवस पर हो रहे नौकाविहार के अवसर पर प्रस्तुत हो रहा था. अनिल-दिलीप तोतला, गगन बिसानी, कैलाश जोशी ने स्वामी केशवाचार्य महाराज के सानिध्य में भगवान श्री वेंकटेष की पूजा अर्चना की और नौका विहार प्रारंभ हुआ.
मंदिर समिति के नितिन तापडिय़ा व नारायण मालानी ने बताया कि इसके पूर्व आज प्रात: के समय भगवान श्री वेंकटेश बालाजी का महाभिषेक हुआ और शेष वाहन पर भगवान की सवारी मंदिर परिसर के परिक्रमित हुई. दोपहर के समय में स्वर्ण-पुष्प अर्चना सम्पन्न हुई आशीर्वचन में बोलते हुए स्वामीजी ने कहा कि जीव पर परमात्मा की दृष्टि पडऩे पर वह सतकर्मों की ओर प्रवृत्त होता है. आचार्य ईश्वर के रूप होते है वे ही जीवात्मा का संशोधन करते हैं. परमात्मा पर निष्ठा रखने से कार्य सफल होते है.
इस अवसर पर राजू मंत्री, राजा लढढ़ा, साधना साबू, ब्रजबाला समदानी मौजूद थी.आज सजेगा फूल बंगलाफूल बंगला समिति के दिनेश सारड़ा ने बताया कि 9 जनवरी को सजने वाले फूल बंगले की तैयारिया मदन पाठक के सहयोग से पिछले 15 दिनों से चल रही है वही पिछले तीन दिनों से वृन्दावन के कलाकारों की टीम कार्य पूर्ण करने से लगी है.
इस वर्ष राजाधिराज वेंकटेश बालाजी के दर्शन जंगल में जल महल में होंगे. वंृदावन के बांके बिहारी मंदिर में सजने वाले फूल बंगले की तरह यहां भी चारों तरफ जंगल की हरियाली और पगडंड़ी के ऊपर चढऩे के बाद प्रभु के दर्शन जल महल में होंगे। पूना, लखनउ, वंृदावन से कुंद, आर्किड, गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, झरबेरा आदि मंगाया गया है. दो मंजिले फूल बंगले में कई झरोखे होंगे. दर्शन के दौरान श्री द्वारकामंत्री के भजनों का आनंद भी श्रृद्धालु उठा सकेंगे.